Tag Archives: Poem
WAQT KI DHARA वक्त की धारा ~ AMITA SINGH अमिता सिंह
मैंने कुछ यूं जिंदगी को करीब से देखा है हर पल ज़माने का रंग बदलते देखा है कि– मैंने अपने बाबा के सफर को स्याही में पिरोया है वो जो चलते थे तो शेर के चलने का गुमान होता था … Continue reading
YEH KAISA DAUR HAI ये कैसा दौर है ~ Ms. AMITA SINGH अमिता सिंह~
ये कैसा दौर है , ये कैसी दौड़ है । सब बस भाग रहे हैं, राहत ना किसी ठौर है । किसी को तरक्की चाह ,किसी को पैसों कि प्यास, किसी को इश्क़ कि चाह, किसी को बेचैनी बेशुमार । … Continue reading
JAYADEVA
Jayadeva was a Sanskrit poet circa 1200 AD. He is most known for his composition, the epic poem Gita Govinda, which depicts the divine love of Krishna-an avatar of Vishnu and his consort, Radha, and it is mentioned that Radha … Continue reading
BABA TUMHARI CHIDIYAN बाबा तुम्हारी चिड़ियाँ ~ AMITA SINGH अमिता सिंह
बाबा, देखो खङी हुँ मै,समक्ष तुम्हारे । सिंदूर, बिदिया, चुङी, पायल-बिछुआ पहने। खुश हो ना तुम यह मेरी छवि देख कर , इस रूप के लिए इस सिंदूर के लिए, कितनी कुर्बानियां देकर पैसे जोङे थे तुमने । तुम्हें मैं … Continue reading
CHINGARI चिंगारी ~ AMITA SINGH अमिता सिंह~
उपर वाले ने जिंदगी तो हमें एक ही दी है । जन्म लेते ही रिस्तो में बांधा है । पर हमें एक नाम दिया जाता है । वो हमारी पहचान होती है । क्यो उस पहचान की हम इज्जत ना … Continue reading