Tag Archives: Amita Singh
बचपन रईस था ~ अमिता सिंह ~
![Bachpqan Raees Tha by Amita Singh](https://bestofodisha.org/wp-content/uploads/2022/07/BRT-150x100.jpg)
बचपन ही बहुत रईस था बाबा का कंधा सिंहासन था वहां से दुनिया छोटी दिखती थी आज दफतर की उंचाई से अनंत सी लगती है। माँ का गोद मखमली श्या थी एक ही बिस्तर में भाई-बहन संग गहरी नींद आ … Continue reading
तिरंगा पे न्योछावर अरमान ~अमिता सिंह ~
![Tiranga pe nevchhawar arman](https://bestofodisha.org/wp-content/uploads/2022/06/Tiranga-pe-nevchhawar-arman-150x100.jpg)
सीली हवा और गिला मेरा मन भीगी पलकें तेरे आने का इंतजार करता ये आंगन ।। पाती मे जो सब लिख ना सकूॅ तुझसे हर वो दिन को बाँचने को आतुर ।। होली ,दिवाली, तीज त्योहार हर बार तेरे आने … Continue reading
जिन्दगी और रंगमंच ~ अमिता सिंह ~
![Jindgi aur rangmanch by Amita Singh](https://bestofodisha.org/wp-content/uploads/2021/07/JAR-150x100.jpg)
जिंदगी रंगमंच, हर दिन नई किस्सा है। सबको अपना अपना, किरदार निभाना है ।। सब को लिखना अपना, मिशाल और इतिहास है। उलझन तो आम है , अमीर-गरीब सब पर मेहरबान है।। गिरो,जख्मी हो,पर उठो तो खुद उठो, किसी और … Continue reading
मैं, मैं भी हुँ ~ अमिता सिंह ~
![Short poem in Hindi MAIN, MAIN BHI HOON by Amita Singh](https://bestofodisha.org/wp-content/uploads/2020/11/MAIN-MAIN-BHI-HOON-150x100.jpg)
मैं सब में थोडी थोडी हुॅ घर के कोने कोनें में, हर साजसजावट में, मैं सब में थोडी थोडी हुॅ फिर भी मैं, मैं भी हुॅ ।। चाय की चीनी में दाल की तडकें में साग की नमक में भोर … Continue reading
राखी की एक डोर ~ अमिता सिंह ~
![Short poem in Hindi " Rakhi ki ek dor " by Amita Singh](https://bestofodisha.org/wp-content/uploads/2020/10/Rakhi-ki-ek-dor-150x100.jpg)
मइया नही बाबा नही बस एक है भइया। धुंधला गई आंगन मे मेरी पायल की रूणझुन और धुंधला गई बाबा की लोरियाँ । यादें रह गई है अब, मेरा रूठ जाना और मां बाबा का मनाना। तीज त्यौहार फिंके पङे … Continue reading
एक नही कई झाँसी की रानी हैं ~अमिता सिंह~
![EK NAHIN KAI JHANSI KI RANI HAIN BY AMITA SINGH IN BEST OF ODISHA](https://bestofodisha.org/wp-content/uploads/2020/06/Ek-nahin-kai-100x150.jpg)
वो भी एक झाँसी की रानी है लिख रही वो अपनी खुद कहानी है। लङ रही वो भी अपनी आजादी है समाज और ईज्जत की जंजीरों से जकड़ी गई वो नारी है। उसने आँचल से बांधा जिम्मेदारी है तो सर … Continue reading
WOH HANSEEN MANZAR KAHAN HAI वो हंसीं मंज़र कहाँ है -Ms. Amita Singh अमिता सिंह~
![Hindi poem Woh hanseen Manzeer Kahan hai by Amita Singh](https://bestofodisha.org/wp-content/uploads/2020/04/Woh-Hanseen-Manzar-Kahan-Hai-150x100.jpg)
कोई मुझे बता दे कि शुकून कहाँ है ? नजरें जिन्हे तलाशती वो हसीन मंज़र कहाँ है? क्या पाना है जो हम बेचैन हैं इतना ? कौन सी मंज़िल है कि है चाह इतना ? हालात यूँ भी आये है … Continue reading
MEIN NAREE HOON मैं नारी हूँ By: Ms. AMITA SINGH अमिता सिंह
![Mein Naree Hoon](https://bestofodisha.org/wp-content/uploads/2020/03/Amita-Singh-150x150.jpg)
मैं नारी हूँ ,मै मृत्यु पर भी भारी हुँ (सावित्री)। कभी सहनशक्ति (सीता) कभी स्वाभिमानी (द्रौपदी) कभी सवॆ शक्तिशाली हुँ (दुर्गा)। मैं दुर्गा ,सरस्वती और काली हुँ । मगर इंसानों की ईस भूमि पर, हैवानियत में मैं कहीं जल रही … Continue reading
EK CHAI KI NUKKAD AURATON KE NAAM एक चाय की नुककङ औरतों के नाम BY Ms AMITA SINGH
![](https://bestofodisha.org/wp-content/uploads/2020/01/Ek-Chai-Ki-Nukkad-150x150.jpg)
कभी-कभी नहीं अक्सर ही मेरे दिल में खयाल आता है… कि शहर के हर चौराहे पर, हर एक नुक्कड़ पर…. चाय की एक गुमटी हम औरतों के लिए भी होती । जहाँ खड़ी हो कर कभी अकेले तो कभी अपने … Continue reading
MERI MUK KHWAISH मेरी मूक ख़वाइश ~~ Ms. AMITA SINGH अमिता सिंह~~
![](https://bestofodisha.org/wp-content/uploads/2019/11/Meri-Muk-Khwaish-150x150.jpg)
मेरी मूक शब्दों को, मेरी आँखों में झांक कर देख लो ना तुम। हर सुबह जल्दी रहती है तुम्हे, कभी मेरी नज़रो में इंतजार देख लो ना तुम। माना पैसे तुम्हीं लाते हो घर पर, हम सब केलिए, मैं … Continue reading