उपर वाले ने जिंदगी तो हमें एक ही दी है ।
जन्म लेते ही रिस्तो में बांधा है ।
पर हमें एक नाम दिया जाता है ।
वो हमारी पहचान होती है ।
क्यो उस पहचान की हम इज्जत ना करें ।
घुट घुट कर जियें कि सब खुश रहें ।
ऐ कब कहा भगवान ने कि तुम खुश ना रहो।
तुम अपने लिए कुछ मत करो,
ये बंदिशे तो तेरी अपनी हैं,
जो तेरी मंज़िल के बीच में खङी हैं ।
कर हौसला, निडर हो जा।
किसी को हक नहीं कि तुझे तौले ।
क्योकि तु ख़ुद में लाजवाब है बेमिसाल है ।
चीर कर अंधेरे अब तु रौशन होजा
चिंगारी तुझ में है ,जल तु और आग होजा।
~~अमिता सिंह
(ओडिशा बाइकरनी)
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