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तुम और यहां ~ अनन्या दाश ~

Short poem in Hindi " TUM AUR YAHAN " by Ananya Dash

तुम हक की बात करते हो यहां कपड़े अपने पसंद के नहीं पेहेन सकते, तुम दुख की बात करते हो यहां चीखें अनसुना कर देते हैं, तुम इज्जत की बात करते हो यहां अपनो को हम तहजिब सिखाते हैं, तुम … Continue reading

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