Tag Archives: Hindi
MEIN NAREE HOON मैं नारी हूँ By: Ms. AMITA SINGH अमिता सिंह
मैं नारी हूँ ,मै मृत्यु पर भी भारी हुँ (सावित्री)। कभी सहनशक्ति (सीता) कभी स्वाभिमानी (द्रौपदी) कभी सवॆ शक्तिशाली हुँ (दुर्गा)। मैं दुर्गा ,सरस्वती और काली हुँ । मगर इंसानों की ईस भूमि पर, हैवानियत में मैं कहीं जल रही … Continue reading
EK CHAI KI NUKKAD AURATON KE NAAM एक चाय की नुककङ औरतों के नाम BY Ms AMITA SINGH
कभी-कभी नहीं अक्सर ही मेरे दिल में खयाल आता है… कि शहर के हर चौराहे पर, हर एक नुक्कड़ पर…. चाय की एक गुमटी हम औरतों के लिए भी होती । जहाँ खड़ी हो कर कभी अकेले तो कभी अपने … Continue reading
MERI MUK KHWAISH मेरी मूक ख़वाइश ~~ Ms. AMITA SINGH अमिता सिंह~~
मेरी मूक शब्दों को, मेरी आँखों में झांक कर देख लो ना तुम। हर सुबह जल्दी रहती है तुम्हे, कभी मेरी नज़रो में इंतजार देख लो ना तुम। माना पैसे तुम्हीं लाते हो घर पर, हम सब केलिए, मैं … Continue reading
ISQUE JINDAGI KA ईस्क जिन्दगी का ~ Ms. Amita Singh अमिता सिंह~
ऐ जिन्दगी, चल तु भी क्या याद करेगी, कि किस से याराना था, तेरी आंखों मे आंखें डाल कर, तुझसे इश्क हमने किया था। दिल छलनी कर दिये तुने, इम्तिहान में अपने मगर, ना अपनों में ना गैरों में, तेरा … Continue reading
PUKAR ASTITWA KI पुकार अस्तीत्व की ~Ms. AMITA SINGH अमिता सिंह~
युॅ तो पूजते हो तुम दुर्गा ,सरस्वती ,अंबा को उन्हें तुमने देखा तो नहीं है। वो मूरत तो तुमने बनाई है । बेजान है जो उसके सामने, तुमने सर अपना झुकाया है । मैं तो सजीव हुँ ,प्राण है मुझमें … Continue reading
WAQT KI DHARA वक्त की धारा ~ AMITA SINGH अमिता सिंह
मैंने कुछ यूं जिंदगी को करीब से देखा है हर पल ज़माने का रंग बदलते देखा है कि– मैंने अपने बाबा के सफर को स्याही में पिरोया है वो जो चलते थे तो शेर के चलने का गुमान होता था … Continue reading
YEH KAISA DAUR HAI ये कैसा दौर है ~ Ms. AMITA SINGH अमिता सिंह~
ये कैसा दौर है , ये कैसी दौड़ है । सब बस भाग रहे हैं, राहत ना किसी ठौर है । किसी को तरक्की चाह ,किसी को पैसों कि प्यास, किसी को इश्क़ कि चाह, किसी को बेचैनी बेशुमार । … Continue reading
BABA TUMHARI CHIDIYAN बाबा तुम्हारी चिड़ियाँ ~ AMITA SINGH अमिता सिंह
बाबा, देखो खङी हुँ मै,समक्ष तुम्हारे । सिंदूर, बिदिया, चुङी, पायल-बिछुआ पहने। खुश हो ना तुम यह मेरी छवि देख कर , इस रूप के लिए इस सिंदूर के लिए, कितनी कुर्बानियां देकर पैसे जोङे थे तुमने । तुम्हें मैं … Continue reading
CHINGARI चिंगारी ~ AMITA SINGH अमिता सिंह~
उपर वाले ने जिंदगी तो हमें एक ही दी है । जन्म लेते ही रिस्तो में बांधा है । पर हमें एक नाम दिया जाता है । वो हमारी पहचान होती है । क्यो उस पहचान की हम इज्जत ना … Continue reading