Tag Archives: अमिता सिंह

बचपन रईस था ~ अमिता सिंह ~

Bachpqan Raees Tha by Amita Singh

बचपन ही बहुत रईस था बाबा का कंधा सिंहासन था वहां से दुनिया छोटी दिखती थी आज दफतर की उंचाई से अनंत सी लगती है। माँ का गोद मखमली श्या थी एक ही बिस्तर में भाई-बहन संग गहरी नींद आ … Continue reading

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जिन्दगी और रंगमंच ~ अमिता सिंह ~

Jindgi aur rangmanch by Amita Singh

जिंदगी रंगमंच, हर दिन नई किस्सा है। सबको अपना अपना, किरदार निभाना है ।। सब को लिखना अपना, मिशाल और इतिहास है। उलझन तो आम है , अमीर-गरीब सब पर मेहरबान है।। गिरो,जख्मी हो,पर उठो तो खुद उठो, किसी और … Continue reading

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